डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकारों को संबोधित करते कहा कि हमारे देश के नागरिकों की समस्याओं और विशेष रुप से आपने जो कृषकों के बारे में सुना माननीय कांग्रेस उपाध्यक्ष जी से, उसके बारे में भी कोई जवाब नहीं है। एक जवाब जो मैंने सुना, बहुत निराशाजनक जवाब है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के द्वारा- वो कह रहे हैं कि कांग्रेस ने करवाया है ये। एक तरफ पीड़ा है, दुख है और एक तरफ गुस्सा है इस तरह का जवाब सुनकर, एक संवैधानिक पदाधिकारी से।
महाराष्ट्र एक समृद्ध प्रदेश माना जाता है कृषि क्षेत्र में भी और औद्योगिक क्षेत्र में भी। महाराष्ट्र में आजकल हजारों लीटर दूध फेंका जा रहा है, फल और सब्जियाँ फेंकी जा रही है, लाखों की तादात में कृषक बाहर निकल कर प्रदर्शन कर रहे हैं और आप कह रहे हैं कि कांग्रेस कर रही है। ये अपमान है इस देश के किसान का, खासतौर से महाराष्ट्र के किसान का। ये एक दयनीय टिप्पणी है जिससे उस प्रदेश की, सरकार का उद्देश्य बड़ा स्पष्ट होता है कि वो ना कोई समर्थन देने वाले हैं कृषकों को, ना MSP बढ़ने वाली है।
इस मंच से हमने पहले आपको आंकड़े दिए हैं कि 100 प्रतिशत, 200 प्रतिशत MSP बढ़ी है हमारे कार्यकाल में। आप देखेंगे कि अब कुल 10 प्रतिशत, 15 प्रतिशत बढ़ी है और आगे भी बढ़ने का अंदेशा नहीं लगता। इन सबको देखते हुए क्या ये कहना गलत है कि इस देश का सबसे बड़ा NPA बीजेपी है। किसान बेहाल हैं, बेजार हैं, फल सब्जियाँ सड़क पर फेंकने पर मजबूर हैं, लाचार हैं, ऐसी चीजे कर रहा है, आत्महत्या करने पर मजबूर है, हमने आपके सामने बहुत ही दयनीय आंकड़े रखे हैं।
इस प्रकार से तमिलनाडु से लेकर महाराष्ट्र तक, उत्तर से लेकर पूर्व तक कृषक अपने आपको असमर्थ महसूस कर रहा है और मुख्यमंत्री जैसे पदासिन व्यक्ति बोलते हैं कि इसने करवाया, उसने करवाया। इसकी जवाबदेही बनती है, तुरंत होनी चाहिए, ऐसा नहीं समझना चाहिए कि हम कुछ जानते नहीं हैं, हम जवाबदेही नहीं मांग सकते। आखिर जब हमने आपके समक्ष CSO के आंकड़े रखे हैं, जो स्वतंत्र निष्पक्ष एक अलग विभाग है इस सरकार का, सिर्फ आंकड़ो का विभाग है और वो बताता है कि आप 6 प्रतिशत के आस-पास घूम रहे हैं और माननीय वित्त मंत्री जी ऐसे जवाब देते हैं जिनका कोई तर्क नहीं। कहा जाता है कि नोटबंदी सिर्फ एक एकाकी कारण नहीं था, इस ग्रोथ के कम होने का। ये क्या उत्तर हुआ?
दूसरा कारण दिया जाता है कि कभी-कभी 7 से 8 प्रतिशत विकास अच्छी दर है। ये तर्क नहीं है, इसका कोई मतलब नहीं है, 7 से 8 कहाँ मिल रही है?
तीसरा ग्लोबल फैक्टर, मैं समझता हूं कि ऐसा ग्लोबल फैक्टर किसी देश को मिल जाए कि ऑयल की कीमत पिछले 2-3 साल से कितनी कम चल रही है। ऐसे ग्लोबल फैक्टर के बाद आपकी दशा ये है, अंतर्राष्ट्रीय तेल की कीमत बहुत महत्वपूर्ण होती है हर देश के लिए। चौथा और पाँचवा कारण नहीं दिया, दया की हमारे ऊपर सरकार ने, माननीय वित्त मंत्री ने, हमेशा कहते हैं Legacy फैक्टर। शायद इस शब्द का प्रयोग कम कर दिया है, आखिर कब तक बोलते रहेंगे।
चौथा जो फडनवीस साहब ने महाराष्ट्र में कहा कि कांग्रेस दोषी है। तो आप लोग अपने आप निर्णय कर लें और इस प्रकार के मजाकिया, कुतर्की जवाब आ रहे हैं इस तरह की दयनीय स्थिति के लिए।