ALL INDIA CONGRESS COMMITTEE
24, AKBAR ROAD, NEW DELHI
COMMUNICATION DEPARTMENT
Congress Party Delegation comprising Shri Ahmed Patel, Shri K.C, Venugopal, Shri Jairam Ramesh, Shri Randeep Singh Surjewala, Dr. Abhishek Manu Singhvi, Shri Shaktisinh Gohil and others met the CEC. They brief the media afterwards, today.
डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस प्रकार से प्रधानमंत्री, सत्तारुढ पार्टी के अध्यक्ष, अन्य मंत्री बेशर्मी से बिना किसी हिचक के पहली बार स्वतंत्र भारत के 74-75 साल के इतिहास में इस प्रकार से हमारी सेना के सभी अंगों को सस्ती राजनीति में दिन प्रतिदिन खींच रहे हैं- हमने लिखित उदाहरण दिए हैं। इस देश में 1965 का भी चुनाव हुआ, 1971 का भी चुनाव हुआ, स्वयं वाजपेयी जी के बीजेपी के राजनेता थे, लेकिन इस सस्ते तरीके से राजनीति के दायरे में खींचना, खुले रुप से वोट मांगना, उनको राजनीतिक cross fire में लाना, ये सिवाए नरेन्द्र मोदी जी और अमित शाह जी के किसी ने नहीं किया है। हम इसकी भर्त्सना करते हैं, हम स्वयं चुनाव आयोग से इस पर रोक मांगी है। हमने उनके अधिकार क्षेत्र और पावर का उनको याद दिलाया, Representation of Peoples Act में है, उनके अब गाइड लान्स में है और मैं ये विशेष चीज पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं।
हमने उनसे निवेदन किया है कि आप जहाँ गलती होती है, वहाँ चेतावनी देते हैं, वहाँ पर वक्तव्य देते हैं, लेकिन इन सबको सुनकर लोग thick skinned होते हैं, जिसको हिंदी में ढीट कहा जाता है, वो अपनी गलतियां दोहराते रहते हैं। अब ये अति आवश्यक है, समय आ गया है कि अगर कोई व्यक्ति किसी पार्टी का हो, प्रधानमंत्री हो, सत्ता रुढ़ पार्टी का अध्यक्ष हो या कहीं का हो, अगर वो एक बार ऐसे वक्तव्य देगा जो प्रतिबंधित है और वोट के दोरान उनके कैंपेन का एक दिन गंवा दिया जाएगा, यानि एक दिन कैंपेन का प्रतिबंधित होगा। अगर वो अपनी गलती दोहराएंगे तो दो दिन उनके वंचित होने चाहिए, इसी प्रकार से 3 और 4, नहीं तो लोग ऐसी भद्दी चीजें होने के बाद उसी का फायदा उठाकर चुनाव आयोग की चैतावनियां लेकर, अगली बार उसी को दोहराएंगे, हमने ये मांग की है और बार-बार ये मांग दोहराएंगे।
दूसरा मुद्दा है ‘वेब सीरीज’ के बारे में है, हमारे ही रिप्रेंजेंटेशन के, हमारी ही याचिकाओं पर, हमारे अनुसार नमो मोदी बॉयोपिक पर चुनाव आयोग ने प्रतिबंध लगाया है। वो आदेश व्यापक है, उसमें कहा है सोशल मीडिया, इंटरनेट बेस कार्यक्रम, फिल्म इत्यादि-इत्यादि शब्द लिखे हैं चुनाव आयोग के आदेश में। साथ-साथ लिखा है कि किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रोमिक मीडिया में राजनीतिक कंटेट, राजनीतिक चीजों से भरा हुआ कोई भी कार्यक्रम नहीं चल सकता। उसके बावजूद एक तरफ ‘नमो टीवी’ अलग-अलग तरीके से चल रहा है, लेकिन और विषय Eros web series के नाम पर एक वेब सीरीज चल रही है। उस वेब सीरीज में सिर्फ नरेन्द्र मोदी के बारे में ही हिरो और उनके बारे में प्रंशसनिय चीजें प्रकाशित होती हैं। तो हमने कहा है कि चुनाव आयोग के खुद के परसों के एक आदेश जो विस्तृत आदेश है, व्यापक आदेश है, उसका सीधा उल्लंघन है और इसको प्रतिबंधित होना चाहिए। ये मांग हमने उनके सामने रखी है।
श्री सुरजेवाला ने कहा कि ‘एक मंत्री भी कभी ग्रेजुएट’ थी, ये एक नई फिल्म और सीरीज आजकल देश में चल रही है। सवाल ये नहीं है कि आप कितने शिक्षित हैं, हमारा ये मानना है कि अनपढ़ से अनपढ़ व्यक्ति भी इस देश में किसी पद पर कार्य कर सकता है। सवाल ये है कि जब आप इस देश की प्रजातांत्रिक प्रणाली को झूठ बोलकर, गुमराह करके, धोखा देकर, लोगों को बेवकुफ समझ कर स्वयं को बहुत बड़ा शिक्षित बता कर आम जनता की आंख में धूल झोंकने का षडयंत्र करते हैं। मैं बात कर रहा हूं, ‘एक मंत्री भी जो कभी ग्रेजुएट थी’, श्रीमती स्मृति ईरानी जी की।
आज हमने एक मैमोरेंडम दिया। 23 अप्रैल, 2004 के शपथ पत्र में मंत्री जी ने कहा कि वो बैचलर ऑफ आर्ट 1996 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ कॉरेस्पोंडेंस से है। 11 जुलाई के शपथ पत्र में मंत्री जी ने वो ग्रेजुएट की डिग्री बदल ली और फिर कहा कि बीकॉम पार्ट 1 1994 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ कॉरेस्पोंडेंस से है। 16 अपैल, 2014 को मंत्री जी ने एक बार फिर अपने आपको बदल लिया और कहा स्कूल ऑफ कॉरेस्पोंडेंस से नहीं, मैं बीकॉम 1 स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से हूं और अगस्त 2014 को ये कहा कि मैं तो ये येल यूनिवर्सिटी से पढ़ी हुई हूं और अब जो सबसे नया शपथ पत्र है, उसमें ये कहा कि वो बीकॉम फर्स्ट ईयर पास हैं, दिल्ली यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लर्निंग से, पर उन्होंने कभी ग्रेजुएट पूरी नहीं की।
एक मंत्री जो कभी ग्रेजुएट थी, कभी येल यूनिवर्सिटी की डिग्री ले लेती हैं, कभी बीए पास की डिग्री ले लेती हैं, कभी वो दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से हो जाती हैं, कभी वो दिल्ली ऑफ यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ कॉरेस्पोंडेंस से हो जाती हैं, ये माजरा क्या है? ना इस देश में प्रधानमंत्री की डिग्री का पता और ना उनकी चहेती मंत्री स्मृति ईरानी की डिग्री का पता ! ना उनका कोई सहपाठी मिल रहा ग्रेजुएट में, ना प्रधानमंत्री का कोई सहपाठी मिल रहा है ! ये मजाक नहीं, ये गंभीर बात है, क्योंकि इस देश की आंखों में धूल झोंकी जा रही है, लोगों को प्रजातंत्र को बेवकूफ बनाया जा रहा है। इसलिए हमने कहा है कि ये करप्ट प्रैक्टिस है और ऐसे मंत्री को खारीज कर देना चाहिए, उनका नोंमिनेशन, क्योंकि जो 4-4 शपथ पत्रों में इस देश की जनता को, चुनाव आयोग को, प्रजातंत्र को भ्रमित कर सकती हैं, क्या उनको चुने जाने और रहने का अधिकार है? इसका निर्णय चुनाव आयोग करेगा।
श्रीमती स्मृति ईरानी के खिलाफ जो आपने आरोप लगाया है, क्या उसको कोर्ट तक लेकर जाएंगे, श्री सुरजेवाला ने कहा कि ये चुनाव आयोग का मामला है, एक मंत्री जो कभी ग्रेजुएट थी, कभी येल यूनिवर्सिटी से पास थी, कभी बीए थी, कभी बीकॉम 1 कॉरेस्पोंडेंस से थी, कभी बीकॉम स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से थी, मोदी जी देश की रक्षा बाद में करिएगा, पहले खुद की और अपने मंत्री की डिग्री तो बता दीजिए।
एक अन्य प्रश्न पर कि स्मृति ईरानी जी ने कहा है कि जितना कांग्रेस उन्हें टारगेट करेगी, मैं उतना ही अमेठी के लिए काम करुंगी, श्री सुरजेवाला ने कहा कि अमेठी के लिए किस प्रकार से मोदी जी ने भेदभाव किया है, किस प्रकार से अमेठी ने स्मृति ईरानी जी ने केन्द्रीय विद्यालय को वहाँ से बंद कर दिया। किस प्रकार से अमेठी में जो वहाँ सरफेस ट्रांसपोर्ट का एक पूरा सेंटर था, उसको उन्होंने खत्म कर दिया। किस प्रकार से आईआईटी के जो सेंटर बनने थे, वो खत्म कर दिए। किस प्रकार से अमेठी के साथ दुर्भाव और जिस प्रकार से दुर्व्यवहार किया जा रहा है ताकि वहाँ के नौजवानों औऱ जनता को, जो एग्जिसटिंग प्रोजेक्ट थे, वो भी पूरे ना हो सके, ये पूरा देश जानता है। इसकी पूरी लिस्ट हम आपको कई बार दे चुके हैं। पर ये अमेठी की जनता है, उनकी आत्मा, मन के अंदर राहुल गांधी जी और उनका प्यार और स्वभाव समाया है, वो कभी मिटने वाला नहीं, इस प्रकार के प्रपंच और ढोंगी व्यक्तियों से।
एक अन्य प्रश्न पर कि मेनका गांधी के वक्तव्य कि अगर अल्पसंख्यक उन्हें वोट नहीं देंगे तो उनका विकास नहीं किया जाएगा, के उत्तर में श्री सुरजेवाला ने कहा कि सच्चाई ये है कि मोदी जी और उनके मंत्री बौखला गए हैं, घबरा गए हैं, झटपटा और लड़खड़ा रहे हैं। चुनाव की दौड़ को वो पूरी करने में अपने आपको असक्षम पा रहे हैं। इसलिए कभी जाति का नाम लेकर, कभी धर्म का नाम लेकर, कभी उत्तर और दक्षिण भारत का नाम लेकर, कभी इनके और मेरे रंग के अंदर रंग भेद करके, कभी भाषा का नाम लेकर, कभी कपड़ों का नाम लेकर, कभी भोजन का नाम लेकर मोदी जी और उनके मंत्री समेत मेनका जी के घृणा का वातावरण फैला कर, बंटवारे का वातावरण फैला कर, विभाजन का वातावरण फैला कर, इस देश की गंगा-जमुनी तहजीब को मिटाना चाहते हैं। इस देश को जाति, धर्म, क्षेत्रवाद, रंग, भाषा, कपड़े, खानपान में बांटना चाहते हैं। पर मोदी जी, मेनका जी आप अपने इस प्रपंच और ढोंग में कभी कामयाब नहीं होंगे, क्योंकि ये भारतवर्ष है और इस भारतवर्ष की संस्कृति को कोई मिटा नहीं सकता। हमने चुनाव आयोग को कहा है कि ऐसी मंत्री को जो जाति और धर्म के आधार पर नफरत और बंटवारा फैलाए, ऐसी मंत्री को एक दिन भी कैंडिडेट बने रहने का अधिकार नहीं है। उन पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए, धार्मिक भावनाएं भड़काने की और ऐसी मंत्री के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही, करप्ट प्रैक्टिसिस में चुनाव आयोग को लेनी चाहिए, एफआईआर के अलावा।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री सुरजेवाला ने कहा कि मैं श्रीमती मेनका गांधी के बारे में कह रहा हूं और फिर दोहरा रहा हूं, हमने जयराम रमेश जी ने विशेष तौर से इस बात का संज्ञान लिया चुनावा आयोग को और हमारे साथी जो हैं, केसी वेणुगोपाल जी ने और ये कहा कि ऐसी मंत्री को जो धार्मिक भावनाएं भड़काए, जो जाति और धर्म के आधार पर मेनका गांधी जी इस देश में विभाजन की कोशिश करे, नफरत और बंटवारे की कोशिश करे, मेनका गांधी जी पर ना केवल एफआईआर दर्ज होनी चाहिए, परंतु उनके कैंडिडेटिंग को भी रद्द कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि ये करप्ट प्रैक्टिस है, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश में भी और देश के कानून के निर्देश पर भी।
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(Vineet Punia)
Secretary
Communication Deptt.
AICC